– अभिषेक रंजन सिंह
रेल मंत्रालय ने ग्रैंड कार्ड रेल मार्ग ( हावड़ा-गया-दिल्ली) पर चलने वाली देश की सबसे पुरानी रेलगाड़ियों में शुमार 12311/12312 हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस करने की मंजूरी दी है। हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की 23 जनवरी को जयंती है और पूरा राष्ट्र उन्हें नमन कर रहा है|

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। नेता जी के पिता का नाम ‘जानकीनाथ बोस’ और माँ का नाम ‘प्रभावती’ था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। सुभाष चंद्र उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे।

धनबाद के तोपचांची स्थित गोमोह रेलवे स्टेशन,जिसे आज हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन के नाम से जानते हैं, उसका स्वाधीनता के लिए लड़ी गई लड़ाई में अहम स्थान है। 18 जनवरी, 1941 को कालका मेल से पेशावर जाने के लिए नेताजी छद्म वेश में गोमोह स्टेशन से रवाना हुए थे। कहा जाता है कि अंग्रेजों के लिए नेताजी सुभाष इसी स्टेशन से गुम हुए थे, इसीलिए इसे गोमोह कहा जाने लगा।
2 जुलाई,1940 को हॉलवेल मूवमेंट में संलिप्तता की वजह से नेताजी को भारतीय रक्षा कानून की धारा 129 के तहत कलकत्ता में गिरफ्तार किया गया था। प्रेसीडेंसी जेल में उन्होंने आमरण अनशन किया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। ख़राब स्वास्थ्य के मद्देनजर अंग्रेजी सरकार ने उन्हें 5 दिसंबर,1940 को इस शर्त पर रिहा किया कि तबीयत ठीक होते ही उन्हें पुन: गिरफ्तार किया जा सकता है। यहां से रिहा होने के बाद एल्गिन रोड स्थित अपने आवास चले गए।
नेताजी के केस की सुनवाई 27 जनवरी,1941 को होनी थी, लेकिन तब ब्रिटिश हुकूमत के होश उड़ गए, जब उन्हें 26 जनवरी को यह पता चला कि नेताजी तो कलकत्ता में हैं ही नहीं। नेताजी 16-17 जनवरी, 1941 की रात लगभग एक बजे वेश बदलकर कलकत्ता से निकल गए। नेताजी अपनी बेबी ऑस्टिन कार संख्या बी एल ए 7169 से गोमोह पहुंचे थे। 18 जनवरी,1941 को पुराना कंबल ओढ़ कर नेताजी धनबाद के गोमोह स्टेशन से हावड़ा-पेशावर मेल पर सवार हुए।
धनबाद से नेताजी का गहरा नाता रहा था। वहां उनके भतीजे शिशिर बोस केमिकल इंजीनियर थे। नेताजी धनबाद आते-जाते थे और देश की पहली रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन की शुरुआत उन्होंने वहीं की थी, जिसके वह अध्यक्ष थे। उन्होंने वहां मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी।
कोयलांचल में बसे होने के बावजूद यहां का वातावरण प्राय: धूल मुक्त एवं प्रदूषण रहित है। छोटी-बड़ी पहाड़ियों से घिरा, यह क्षेत्र एक छोटा हिल स्टेशन-सा जान पड़ता है। गोमो, पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल में ग्रैंड कार्ड रेल लाइन पर स्थित एक व्यस्त और बड़ा रेलवे जंक्शन है। यहां से हावड़ा, दिल्ली, आद्रा के अलावा पुरी, रांची, जमशेदपुर, बरकाकाना आदि जगहों को जोड़ने वाली रेलवे लाइनें गुजरती हैं।
—————————