रांची, झारखण्ड, 15 जनवरी 2021। रांची के NGO ग्रुप के नेता, वामपंथी और प्रगतिशील बुद्धिजीवियों तथा एक्टिविस्टों ने दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब के किसान आन्दोलन को समर्थन देने दिल्ली आ रहे उड़ीसा के किसानों की जगह-जगह सेवा करने और सुबिधाओं की व्यवस्था के लिए एक बैठक कर आह्वान किया। इस ग्रुप के नेता नदीम खान ने प्रेस के लिए जानकारी दिया कि आजाद भारत के पहले ऐतिहासिक तथा लम्बे किसान आंदोलन ने आज 50 दिन पूरे कर लिए हैं। दिल्ली की हाड़ कंपाती ठंड, बारिश और तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए तीनों काले कृषि व्यापार कानूनों को वापस लेने तथा एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांगों को लेकर बुलंद हौसलों के साथ देश की राजधानी में डटे लाखों किसान बधाई के पात्र हैं और अपनी शहादत देने वाले 90 किसानों के प्रति हम श्रध्दानत हैं।
सरकार के अहंकारी रवैये तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित त्रुटिपूर्ण कमेटी के खिलाफ देश भर के किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है। देश के हर राज्य से किसान 26 जनवरी की रैली में भाग लेने के लिए दिल्ली कूच करने लगे हैं। ओडिशा से लगभग एक हजार किसानों का जत्था 15 जनवरी को भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा। यह किसान जत्था बंगाल, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से गुजरता हुआ 21 जनवरी को दिल्ली पंहुचेगा। झारखंड में यह जत्था 16 जनवरी को रहेगा| जमशेदपुर और रांची में किसानों के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली गई है। रांची में यह जत्था 16 जनवरी की शाम पंहुचेगा। किसानों को रिंग रोड स्थित कमड़े(रातू रोड़-रांची) में गुरु गोविन्द सिंह पब्लिक स्कूल भवन में ठहराया जाएगा। 17 जनवरी की सुबह किसान जत्था मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में महात्मा गांधी को नमन करने के पश्चात् आगे की यात्रा पर रवाना होगा।
किसानों के रात्रि विश्राम, लंगर तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था रांची के गुरुद्वारा सिंह सभा कर रही है एवं सिख फेडरेशन के सहयोग से हो रहा है। इसके अतिरिक्त झारखंड सरकार के माननीय मंत्रीगण सर्व श्री रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख तथा आलमगीर आलम से मिले नैतिक समर्थन के लिए के लिए उनको धन्यवाद देते हैं।
हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह किसानों की तबाही और बरबादी का सबब बन चुके तीनो कृषि व्यापार कानूनों को अविलंब वापस लेकर एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाए। हमारी स्पष्ट मान्यता है कि ये कानून सिर्फ अडानी तथा अंबानी जैसे पूंजीपति घरानों के फायदे के लिए बनाए गए हैं। साथ ही हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी आग्रह करते हैं कि किसान संगठनों द्वारा सिरे से ख़ारिज खुद के द्वारा गठित कमिटी को भंग कर दें। झारखण्ड में किसानो का स्वागत करने के लिए स्वागत समिति का गठन किया गया है जिसमे विभिन्न राजनीतिक दलों एवं प्रगतिशील सामाजिक संगठनो के सदस्य शामिल है।
इस समिति में एनजीओ की नेता दयामनी बरला, अलोका, राजेश यादव, अशोक वर्मा, ज्योति सिंह मथारू, प्रेमचंद मुर्मू, प्रफुल्ल लिंडा, समीर दास, शिवा कच्छप, फ़ादर सोलोमन, श्रीनिवास। सीपीएम के प्रकाश विप्लव, नदीम खान, एमसीसी के सुशांतो मुखर्जी, सीपीआई के अजय सिंह, जगदीश साहू, इप्टा से उमेश नजीर तथा रवि टोप्पो है।