नई दिल्ली, 28 सितम्बर 2020. पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में 4 अहम् बातों को रखा. उन्होंने कहा कि 1945 को जब संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ था तब की दुनिया आज से एकदम अलग थी, जिस विश्व कल्याण की भावना से इस संस्था का गठन हुआ था वह भी उस समय के हिसाब से थी, किन्तु आज हम बिलकुल एक अलग दौर में हैं. ऐसे में इस संस्था और इसमें हमारी प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा है, सभी बदल गए हैं.
अपने भाषण में सख्त रुख अपनाते हुए मोदी ने कहा कि भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र की सुधार प्रक्रिया के पूरा होने का लम्बे समय से इंतजार कर रहे हैं. भारतीय चिंतित हैं कि क्या यह प्रक्रिया कभी अपनी तार्किक परिणति तक पहुँच पायेगी.
(संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव मिजितो विनीतो)
इन सवालों को खड़ा करते हुए पीएम मोदी ने कोरोना महामारी में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी सवाल किये कि उनके प्रयास कहाँ हैं और इसका रिस्पौंस कहाँ है ?
दूसरा कि भारत सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में दुनिया को भरोसा दिया कि हमारा उत्पाद पूरी मानवता को इस संकट से निकालने में काम करेगी.
तीसरा कि भारत की दोस्ती किसी देश के खिलाफ नहीं होती और न ही मजबूर करने की.
चौथी बात यह कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के अमर्यादित भाषण को इग्नोर किया और बड़े भाई की अपनी भूमिका रखी.
वहीँ, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव मिजितो विनीतो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण के दौरान वाकआउट किया और अपने ‘राईट तो रिप्लाई’ में कहा कि पाकिस्तान अब जल्द से जल्द पीओके को खाली कर दे.