बिहार सरकार का नया फरमान सरकारी कर्मचारियों के लिए बहुत चिंता लेकर आया है सरकार ने 74अ का हवाला देते हुए कहा है कि जो भी राज्य कर्मचारी पचास वर्ष के पार हो गये हैं उनका फिजिकल व फिटनेस देखा जाएगा जो लोग काम करने में सक्षम नहीं होंगे उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा
सरकार ने इसमें यह भी जोड़ा है कि जिनकी नौकरी की अवधि पच्चीस से तीस वर्ष पूर्ण हो चुकी है उन्हें भी सरकार स्वेच्छा से सेवानिवृत्त करा सकती है इसके लिए उन्हें तीन महीने पहले नोटिस दे दिया जाएगा और उनकी सैलरी और भत्ते सब चुकता कर दिए जायेंगे जिससे वह अपने लिए पहले से कुछ व्यवस्था कर पाएं
यह सेवानिवृत्ती समीक्षा क , ख , ग ,वर्ग सहित सभी विभागों में की जायेगी सबके लिए अलग अलग कमेटियां गठित की जायेंगी
बिहार सरकार का यह फरमान ऐसे समय में आया है जब देश कोरोना संकट से जुझ रहा है और बिहार की हालत बहुत खराब स्थिति में है लोग रोजगार के लिए मारे मारे फिर रहे हैं इन दिनों बिहार में बाढ़ भी अपने चरम पर है ऐसे में सरकार लोगों को राहत देने के बजाय नौकरियों से निकालने की कोशिश कर रही है भारत में आम धारणा है कि लोग सरकारी नौकरी में जाते ही इसलिए हैं कि वहां सुरक्षा है नौकरी नहीं जाने की , समय से वेतन मिल जाने की मगर जहां सरकार को नये रोजगार देने के जरूरत है वहां बिहार सरकार रोजगार छिनन्ने की ओर कदम बढ़ा रही है
ये वही बिहार सरकार है जिसके डाक्टर रिक्शा पर बैठकर अस्पताल जा रहे रहें बारिश के पानी से बचने के लिए और सरकार कोई इंतजाम नहीं कर पा रही है वहीं टेस्टिंग के मामले में भी बिहार की हालत बहुत खस्ता है लोग भूखमरी की कगार पर है पर सरकार के लिए ऐसे में सबसे जरूरी काम है राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति कराना !